
सनातन धर्म के लोगों को बचाना क्यों जरूरी है?
Why is it important to save the people of Sanatan Dharma?
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2500 से भी ज्यादा सालों से सनातनीयों के ऊपर आक्रमण हो रहे है।
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करोड़ों सनातनी अभी तक मारे जा चुके है। सनातनी योंकि असंख्य माता भगिनी की आबरू लूटी गई है, अगणित अत्याचार किए गए है।
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40,000 से भी ज्यादा मंदिरों को तोड़ा गया, लूटा गया है।
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नालंदा तक्षशीला जैसे विश्व विद्यापीठ की 90 लाख से ज्यादा किताबे जलाई गई है। शिक्षकों को जिंदा जला दिया गया ।
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करोड़ों सनातनी यों का धर्म परिवर्तन किया गया है। जजीया टैक्स वसूल किया गया।
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1947 तक ब्रिटिश थे और बहुत सारे राज्य के राजाओं ने निडर योद्धा बनकर, लढकर अपने सनातन धर्म के लोगों की रक्षा की। लेकिन तब तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, भारत से विभक्त किए गए । सभी देश मुस्लिम बहुसंख्यांक देश बन कर भारत से काट दिए गए।
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1947 के बाद 2024 तक 77 सालों मे कश्मीर, केरल, पश्चिम बंगाल, आसाम, झारखंड से सनातनी यों को अल्पसंख्यांक करके राज्य पर कब्जा किया है।
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2047 तक 'गजवा ए हिन्द' के लक्ष को लेकर, सभी राज्यों मे जनसंख्या बढ़ाकर और नोकरी- धंदा कब्जा करके, सनातनी युवाओं को नशे और लव-जिहाद के माध्यम से खत्म कर रहे है ।
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2014 मे नरेंद्र मोदी जी की भाजपा सरकार 'हिंदू' यह मुद्दा लेकर जीती लेकिन 2014 से 2024 तक अभी भी सनातनी सुरक्षित नहीं है, नाही सनातनीयों के हित मे कायदे कानून किए जा रहे है, नाहीं सरकार के मंदिरों के ऊपर जो कब्जे है वह खत्म किए जा रहे है।
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भाजपा की सरकार होने के बावजूद, हर एक सनातनी खुदकों गरीब, नशे मे लिप्त और असुरक्षित, कमजोर महसूस कर रहा है।
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2014 से 2024 तक भाजप के राज मे भी 17 हिंदू नरसंहार की घटनाए हुई है ।
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चलो एक बार मान लों की भारत मे भी सभी मुस्लिम हो गए तो क्या होगा - पाकिस्तान, सीरिया, फिलीस्थिन, अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसी ही परिस्थिति होगी गरीब और दुखी, फिर अपने आप मे सुन्नी-शिया और 4 फिरकों मे एक दूसरे को मारना और दूसरे की मसीदों को बम से उड़ान मारना, धमाके करना, एक दूसरे को काफिर बोल कर फिर अपने ही अन्य मुस्लिम फिर कों को मारना। अपने ही मुस्लिम धर्म के लोगोंको मारना, काटना, बलात्कार करना यह कभी समाप्त नहीं होगा। जब तक खुद ही कयामत का दिन लेकर आएंगे और पूरी पृथ्वी को अनु बॉम्ब से उड़ा देंगे।
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इसलिए मुस्लिम धर्म धरती पर रहना चाहिए, लेकिन सभी धरतीवासी मुस्लिम बनेंगे तो कयामत का दिन जल्दी ही लेकर आएंगे और पूरी पृथ्वी का हाल मनुष्य हिन मंगल ग्रह जैसा कर देंगे।
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सनातनी लोग हर कण कण मे ईश्वर का वास देखते है। सनातनी सभी के धर्म जाती पंथ के लोगों का आदर करते है। टेक्नोलोजी के साथ धर्म को आगे लेकर जाते है। सनातनी धर्म मे श्रीमंत, धनवान बनने की प्रक्रिया है।
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सभी धर्म और आध्यात्मिक प्रक्रिया को हमेशा अस्तित्व मे रखने के लिए सनातनी जिंदा रहना जरूरी है ।
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इसलिए सनातनीयों को जीवित बचाना जरूरी है। सनातन के सभी ज्ञान विज्ञान की पुस्तके, ग्रंथ बचाना जरूरी है।
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पृथ्वी को बचाने के लिए सनातन धर्म को वैज्ञानिक रूप से समझना, सभी सनातनीयों को समझाना और पूरे विश्व को इसके वैज्ञानिक संशोधन से अवगत करना इसलिए सनातनी जिंदा रहना जरूरी है ।
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गुरुजी प्रशांत जी को ध्यान धारणा करते समय, साक्षात महादेव ने आगे आने वाले हिंदू नरसंहार की घटनाओं के बारेमे बताया है । जैसे की 5-मे-2028, 26जून 2036, 15 अगस्त 2047 इन तीन दिनों मे ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के आधार के ऊपर उस दिन की कुंडली और ग्रह गोचर के अनुसार सनातनी यों का अति प्रचंड रूप मे करोड़ों सनातनी यों का नरसंहार होने के आसार लग रहे है ।
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इसलिए ज्यादा से ज्यादा मनुष्य हानी न हो किसी भी धर्म के लोग इस नरसंहार की घटना का शिकार ना हो इसलिए सनातन धर्म के लोगोंको जागृत करने का काम गुरुजी कर रहे है ।
LIST OF SANATANI's GENOCIDES
सनातन लोगों के नरसंहार की सूची
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1947-देश विभाजन नरसंहार
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1947-कामोके ट्रेन नरसंहार
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1947-रावलपिंडी नरसंहार
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1948-गुजरात ट्रेन नरसंहार
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1949-बोंगल खेड़ा
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1960-गोरेश्वर नरसंहार
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1979-मरीचझापी नरसंहार
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1980-मंडई नरसंहार
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1982-बिजोन सेतु नरसंहार
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1983-खोइराबारी नरसंहार
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1983-ढिलवां बस हत्याकांड
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1983-सिलापाथर नरसंहार
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1986-मुक्तसर बस हत्याकांड
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1987-फ़तेहाबाद बस हत्याकांड
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1987-लालरू बस हत्याकांड
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1990-कश्मीरी हिंदुओं का पलायन
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1990-के अलीगढ़ दंगे
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1991-पंजाब हत्याकांड
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1993-किश्तवाड़ नरसंहार
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1993-मणिपुर दंगा
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1994-में भारत में पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण
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1995-कश्मीर में पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण
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1997-निस्लामारी नरसंहार
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1997-संग्रामपोरा नरसंहार
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1997-संग्रामपोरा नरसंहार
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1998-कोयंबटूर बम विस्फोट
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1998-चपनारी नरसंहार
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1998-चम्बा नरसंहार
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1998-प्रानकोट नरसंहार
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1998-वंधामा नरसंहार
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1999-इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814
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2000-अमरनाथ तीर्थयात्रा हत्याकांड
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2000-दक्षिण भारत के चर्च बम विस्फोट
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2000-बैगबर हत्याकांड
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2000-शांति काली की हत्या
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2001-अमरनाथ तीर्थयात्रा हत्याकांड
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2001-किश्तवाड़ नरसंहार
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2001-कोट चारवाल नरसंहार
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2001-जम्मू-कश्मीर विधान सभा कार बम विस्फोट
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2001-भारतीय संसद पर हमला
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2002-अक्षरधाम मंदिर पर हमला
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2002-अमरनाथ तीर्थयात्रा हत्याकांड
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2002-कालूचक नरसंहार
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2002-कासिम नगर नरसंहार
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2002-कोलकाता में अमेरिकी सांस्कृतिक केंद्र पर हमला
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2002-गोधरा ट्रेन अग्निकांड
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2002-दीनदार अंजुमन
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2002-मराड नरसंहार
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2002-रघुनाथ मंदिर पर हमला
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2002-सिंगिचेरा नरसंहार
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2003-कमलनगर हत्याकांड
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2003-नादिमर्ग नरसंहार
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2004-तेली कथा हत्याकांड
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2005-दिल्ली बम विस्फोट
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2006-अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर बमबारी
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2006-कुलगाम नरसंहार
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2006-डोडा नरसंहार
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2006-मुंबई ट्रेन बम विस्फोट
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2006-वाराणसी बम विस्फोट
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2006-श्रीनगर बम विस्फोट
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2007-उत्तर प्रदेश बम विस्फोट
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2007-समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट
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2007-हैदराबाद बम विस्फोट
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2008-अगरतला बम विस्फोट
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2008-अहमदाबाद बम विस्फोट
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2008-जयपुर बम विस्फोट
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2008-दिल्ली बम विस्फोट
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2008-बाटला हाउस एनकाउंटर केस
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2008-बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट
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2008-मुंबई हमला
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2008-मुर्शिदाबाद हत्या
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2008-लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या
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2009-मनमासी राष्ट्रीय ईसाई सेना
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2010-पुणे बम विस्फोट
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2010-बेंगलुरु स्टेडियम में बमबारी
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2010-वाराणसी बम विस्फोट
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2011-दिल्ली बम विस्फोट
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2011-मुंबई बम विस्फोट
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2013-कैनिंग दंगे
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2013-पटना बम विस्फोट
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2013-हैदराबाद विस्फोट
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2014-चेन्नई ट्रेन बम विस्फोट
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2014-बर्दवान विस्फोट
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2014-बेंगलुरु बम विस्फोट
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2015-प्रशांत पुजारी की हत्या
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2015-विश्वनाथ शेट्टी की हत्या
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2016-कालियाचक दंगा
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2016-नगरोटा आर्मी बेस पर हमला
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2016-पंजाब, भारत में लक्षित हत्याएँ
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2017-अमरनाथ यात्रा पर हमला
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2017-कमलेश तिवारी
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2017-भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बमबारी
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2018-तिनसुकिया हत्याकांड
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2020-निकिता तोमर की हत्या
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2021-रिंकू शर्मा की हत्या
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2022-उमेश कोल्हे की हत्या
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2022-कन्हैया लाल की हत्या
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2022-किशन भरवाड की हत्या
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2023-राजौरी हमला